


हमारे भोजन की थाली अब सेहत पर भारी पड़नेलगी है। भारतीयों का भोजन कार्बोहाइड्रेट से भरा हुआ है जिससे मधुमेह और मोटापे का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। यह दावा नई दिल्ली स्थित भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने 15 साल से जारी एक अध्ययन में किया है जिसे मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन के साथ मिलकरICMR-INDIAB नाम से जारी किया गया।
अध्ययन के अनुसार, भारतीय वयस्क औसत 62% कैलोरी कार्बोहाइड्रेट से लेते हैं जो दुनिया के उच्चतम स्तरों में शामिल है। इसमें अधिकांश हिस्सा सफेद चावल, गेहूं और चीनी से आता है। देश के 21 राज्यों में चीनी का सेवन राष्ट्रीय मानक से ज्यादा मिला है। केवल कर्नाटक, महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्यों में ही बड़ी संख्या में लोग मोटे अनाज (मिलेट्स) का सेवन कर रहे हैं। इतना ही नहीं, अध्ययन में पाया कि भारतीय थाली में प्रोटीन की भारी कमी है।
क्या कहता है अध्ययन
देश की बदलती आहार आदतें अब गंभीर स्वास्थ्य संकट का संकेत दे रही हैं। यह अध्ययन प्रतिष्ठित पत्रिका नेचर मेडिसिन में प्रकाशित हुआ है। 15 साल तक चले इस सर्वेक्षण में 36 राज्यों से 1,21,077 वयस्कों को शामिल किया गया। यह अध्ययन बताता है कि अत्यधिक कार्बोहाइड्रेट का सेवन लोगों को सीधे तौर पर मधुमेह और मोटापा ग्रस्त बनाता है जबकि कई लोगों को इस बीमारी की दहलीज तक यानी प्री डायबिटीज भी पैदा करता है।